Saturday, February 5, 2011

पाक बार्डर पर हजारों हिंदुओं के अस्थिकलश by दिनेश चंद्र मिश्र


पाक बार्डर पर हजारों हिंदुओं के अस्थिकलश by
दिनेश चंद्र मिश्र

भारत-पाकिस्तान की सरहद पर हजारों हिंदुओं के अस्थिकलश विसर्जन की प्रतीक्षा कर रहे हैं। यह अस्थि कलश एक..दो नहीं बल्कि तीस से चालीस साल पुराने हैं। कुछ अस्थिकलशों पर नाम लिखा है तो कुछ पर नाम-पता समय की धूल से धूमिल हो गए हैं। पाकिस्तान में रहने वाले यह उन हिंदुओं के अस्थिकलश है, जिनकी अंतिम इच्छा थी कि उनकी अस्थियां गंगा में प्रवाहित की जाए। पतित पावनी गंगा में अपने रिश्तेदारों की अस्थियां लेकर भारत आने वाले लोगों को पंजाब,राजस्थान और जम्मू-कश्मीर से सटे पाक चेकपोस्ट पर इसको जमा कर लिया जाता है। पाकिस्तान में रहने वाले हिंदुओं की अस्थियां बार्डर पर पिछले कुछ सालों से जमा किया जा रहा है। पाकिस्तानी सरकार के इस रवैये के चलते हजारों हिंदुओं के अस्थि कलश धूल खा रहे हैं। 


पाकिस्तान में रहने वाले हिंदुओं की अस्थियां बार्डर चेक पोस्ट पर बड़ी संख्या में जमा होने के पीछे भारत सरकार द्वारा बीजा देने के लिए बनाए गए नियम-कानून है। पाकिस्तान में मौजूद इस्लामाबाद स्थित भारतीय दूतावास के अधिकारियों को कहना है कि अस्थि विसर्जन के लिए वीज़ा देने का कोई नियम नहीं है और वीज़ा भी तभी दिया जा सकता है जब हिंदुस्तान के जिस शहर में गंगा बहती हो, वहां उनका रिश्तेदार या कोई परिचित रहता हो। हिंदुस्तान-पाकिस्तान बंटने से पहले गंगा के प्रति हिंदुओं में अटूट आस्था है। यही आस्था पाकिस्तान बनने के बाद भी नहीं बंटी है। पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू अपनी अस्थियां गंगा में विसर्जित करना चाहते हैं। बीजा न मिलने के कारण ऐसी हजारोंं अस्थियां पाकिस्तान बार्डर पर मौजूद चेकपोस्ट पर जमा हैं। पाक में रहने वाले हिंदुओं की धार्मिक भाववना को देखते हुए इन अस्थियों को गंगा में प्रवाहित करने के लिए न भारत सरकार की ओर से कोई पहल आज तक हुई न ही हिंदुओं के नाम पर राजनीति करने वाले किसी संगठन ने अभी तक सुधि ली है। 

पाकिस्तान में 1998 की जनगणना के अनुसार 24 लाख 33 हज़ार हिंदू थे। ऐसा कहा जा रहा है कि पिछले 13 सालों में हिंदू आबादी वहां काफी बढ़ी भी है। पाकिस्तान हिंदू परिषद के आंकड़ों पर विश्वास करे तो वहां कऱीब 70 लाख हिंदू हैं। जिनमें से ज्यादातर सिंध प्रांत में रहते हैं। हिंदुओं की गंगा के प्रति अथाह आस्था और प्रेम की गवाह गर्दिश मेंं पड़ी हजारोंं अस्थियों के अलावा कराची,लाहौर सहित कई शहरों के श्मशान घाट में भी किसी पेड़ पर टंगी हुई धूल खा रही है। पाकिस्तान में हिंदुओं की अस्थियों को गंगा में प्रवाहित करने के लिए कराची स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर के महंथ रामनाथ मिश्र ने भारत के प्रधानमंत्री,विदेशी मंत्री और पाकिस्तानी अधिकरियों को खत भेजकर कराची श्मशान घाट पर मौजूद अस्थियों के लिए बीजा की अनुमति मांगी। भारत सरकर ने कराची श्मशानघाट में मौजूद अस्थियों के विसर्जन की अनुमति कुछ शर्तों के साथ दी है। पाकिस्तान से बारह सदस्यीय दल 135 लोगों की अस्थियों को लेकर भारत पहुंचा है। सालों से वीजा का इंतजार कर रही इन अस्थियों को हरिद्वार में हर की पैड़ी पर विसर्जन किया।

कराची के पंचमुखी मंदिर के महंत रामनाथ मिश्र का कहना है कि पाक बार्डर पर जमा हजारोंं अस्थियों को हरिद्वार और बनारस मेंं प्रवाहित करने के लिए भारत सरकार और पाकिस्तान अधिकारियोंं से फिर आग्रह करेंगे ताकि हजारों लोगों को मरने के बाद मुक्ति मिल सके। भारत सरकार से यह भी गुजारिश रहेगी कि बीजा के नियमों में बदलाव करें ताकि पाकिस्तान में रहने वाले हिंदुओं की अस्थियां गंगा की पवित्र धारा में प्रवाहित होने में कानून रोड़ा न बने। इसके लिए विश्व हिंदू परिषद की भी मदद ली जाएगी।

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