Tuesday, December 7, 2010

भारत सरकार ने कश्मीरियों को क्या क्या PACKAGE दे रखे हैं....

Dal Lake

http://www.facebook.com/album.php?aid=489504&id=10150118710290224

आज एक गंभीर बात आप सबके सामने राखी जा रही है, आशा है आप सब ध्यान देंगे इस मुद्दे पर और अपनी अपनी राय बताएँगे.....



डल झील कश्मीर की खूबसूरती का एक अभिन्न अंग है जहाँ पर पर्यटक सबसे ज्यादा जाना पसंद करते हैं,क्या आज के कश्मीर दंगो में जब पर्यटक 3 महीने से नहीं जा रहे .....
क्या उनका जीवन यापन सुचारू रूप से चल रहा होगा.....?

तो सुनिए.....भारत सरकार ने कश्मीरियों को क्या क्या PACKAGE दे रखे हैं....
उस PACKAGE का एक पहलू बता रहा हूँ....डल झील के जितने भी नाविकों के पास शिकारे यानी बोट हैं उनको हर बोट के रख रखाव और जीवन यापन के लिए पैसा मिलता है,यानि की अगर कोई बोट मालिक आज बिना पर्यटक खाली भी बैठे हैं तो भी उन्हें सहायता राशी दी जाती है ... चाहे वो पर्यटकों से कमाएं या न कमाएं ....
उन्हें सहायता राशी मिलती रहेगीप्रत्येक बोट पर न्यूनतम 1.5 लाख रूपये और अधिकतम 4 लाख रूपये सहायता राशी का प्रावधान है .....
यानि की न्यूनतम न्यूनतम भी प्रत्येक बोट धारक को घर बैठे हर महीने 15 हजार रूपये मिल रहे हैं .....

अब चाहे घाटी बंद भी रहे काम धंधा न भी हो.... इन्हें क्या फर्क पड़ता है.... पत्थर फेंकने पर भी पैसा, नाव चलने पर भी पैसा... और नहीं चलने पर भी पैसा.....
जिसके पास जितनी बोट उसको उतना ज्यादा पैसा ..... वोह भी TAX FREE .....

वाह रे नेहरु ..... सही गुल खिला गए तुम कश्मीर में.....

कितना पैसा बर्बाद हो रहा है इसका अंदाजा मात्र भी नहीं लगाया जा सकता और हमारे द्वारा जो TAX भरा जाता है उसका कैसे दुरूपयोग किया जा रहा है,
इससे अच्छी किस्मत तो नेहरु या भगवान किसी और की लिख ही नही सकते .....
और यहाँ अखंड भारत में हिन्दू पैदा होना भी अभिशाप बन गया है .....


जय हिंद जय हो


SAmixa ARjun lol good points..i would like to add that if we analyse why pakistanis are so nikkamas..it is because..they got gifted a country for free..they did not shed any blood nor made any sacrifices to earn freedom..they jus got gifted without any efforts..it happens in human nature..if we get something for free we jus take it for granted and we dont understand the pain of having to struggle.. the same is case of pakistanis..they dont know and hence they have become nikkammas..and once a nikkama gets something..they become lazy and lethargic and pampered and asks for more for free.. never works hard to make up themselves..thats is problem with pakistanis..and thats why they are useless and a failed state..


Nisha Kaul The preferential status to J&K has always been for kashmiri muslims.....Kashmiri pandit community was always a minority there......everything was done to appease these so called dumbheaded muslims who were not even an iota of kashmiri pandits.....And congress will do anything from everything to care about the vote bank they see there.........Kashmir is just a mohra for them the better they play the sooner they will be able to grab the power there........khud he pakate hai khud he khate hai.........we kps are sitting in various corners of India to watch there filthy game of politics....crying for our motherland...


Ashish Sharma आप सभी की जानकारी के लिए एक बात बताना चाहूँगा ... भारत के बिस्मार्क कहे जाने वाले हमारे प्रथम गृह-मंत्री श्री वल्लभ भाई पटेल कश्मीर मुद्दे को हैदराबाद की भांति हल कर देते परन्तु माननीय नेहरु जी ने कश्मीर मुद्दे का सारा भार अपने अनुभवहीन कमजोर कन्धों पर उठा लिया ..भाई प्रधानंत्री जो ठहरे ,पर मजे की बात ये कि जब देश आजाद हुआ था तो प्रधानमन्त्री पद के लिए देश की लगभग सभी कांग्रेस कमेटियों द्वारा नामित व्यक्ति श्री वल्लभ भाई पटेल जी ही थे ना कि नेहरु ..पर हाय रे बापू का नेहरु प्रेम कि उन्होंने स्वयं पटेल से अपनी उम्मीदवारी वापस लेने का आग्रह किया और श्री पटेल ने विनम्रतापूर्वक बापू का सम्मान रखते हुए प्रधानमत्री पद के लिए नेहरु को अपना समर्थन दे दिया .और इस प्रकार उस एक घटना ने देश के भाग्य की दिशा बदल दी और अब तो मानो देश गांधी-परिवार की बपौती बनकर रह गया है . धन्य हों पटेल जी जिनसे आज कल के स्वार्थी और सत्ता-लोलुप नेताओं को सबक लेना चाहिए ..


Ashish Sharma reference wikipedia --- In the 1946 election for the Congress presidency, Patel stepped down in favor of Nehru at the request of Gandhi. The election's importance stemmed from the fact that the elected President would lead free India's first Government. Gandhi asked all 16 states representatives and Congress to elect the right person and Sardar Patel's name was proposed by 13 states representatives out of 16, but Patel respected Gandhi's request to not be the first prime minister. As a Home Minister, Patel merged all parts of India under federal control but Jammu and Kashmir was left out because of Nehru.

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