सीबीआई की हवालात में खलमाड़ी ने हवलदार को आवाज लगाई हवलदार पुराना चांवल था नजदीक आकर बोला मुझे अपने जैसा समझ रखा है क्या मै कोई ऐसा काम नही करता की फ़ंस जाउं । भाई केवल मुझे एक पत्र भेजना है वो लिख कर भेज दो मै आजीवन आभारी रहूंगा । हवलदार बोला आभारी लोग भारी पड़ते हैं भाई बाद मे आवाज आती है ऐसा कौन सा है सगा जिसे हमने नही ठगा और तू तो खांग्रेसी है । बेचैन खलमाड़ी बोला मेरा रिकार्ड अच्छा है चाहो तो मेरे पुराने सुरक्षा कर्मियो से पूछ लो और मेरी गारंटी भी वही लोग ले लेंगे और मनभावन कैश भी देंगे ।
सहप्रजातियो की गारंटी ने हवलदार को संतुष्ट किया बोला क्या लिखना है बता खलमाड़ी ने कहा मम्मी जी इतना सुनते ही हवलदार छिटक गया भाई मै पूना तो किसी कीमत मे नही जाउंगा ।खलमाड़ी बोले अरे भाई अपनी मां को कौन खांग्रेसी मम्मी बोलता है मै तो आदरणीय मम्मी जी को पत्र लिखवा रहा हूं । हवलदार ने कहा आगे बोल खलमाड़ी ने शुरू किया आदरणीय मम्मी आपको मेरे बारे मे दुशमनो ने भड़काया है हवलदार फ़िर रूक गया बोला विदेशियो की साठ गांठ मे मै शामिल नही हो सकता । खलमाड़ी ने कहा अरे भाई देश के अंदर भी दुश्मन हैं राजनीतिक यार तू अपना काम कर पूरा होगा तब दिमाग लगाना ।
खलमाड़ी चालू हुये मम्मी जी मैने कुछ भी गलत नही किया है हवलदार फ़िर खड़ा हो गया बोला साले देश की इज्जत बेच खाया सब जगह फ़जीहत हो गयी बोलता है चीन मे चूहे थे तो यहां भी होंगे । खलमाड़ी बोला यार तू हवलदार है की पत्रकार सबका जवाब तू ही देगा तो पैसे क्या फ़ोकट के लेगा । खलमाड़ी फ़िर से बोले मम्मी मैने तो पार्टीधर्म का पालन किया है सारे निर्णयो मे सबको साथ लिया है और पार्टी को दिया भी है । कौन कह सकता था कि मै चोर हूं अगर आपकी महिला नेत्री ज्यादा खाने के चक्कर मे देर न करती और अकेले न खाती तो क्या ये मामला बनता । मै तो कुछ सौ करोड़ का आपका सहकर्मी हूं मोहतरमा तो हजारो करोड़ की रंगकर्मी हैं । उसी के लालच के कारण ही देरी हुई और सार भेद खुल गया ।
हवलदार बोला अबे सुन तेरी पार्टी बेशर्मी की हद लांघ चुकी है और तू पुराना इतिहास बता रहा है । जब तेरी पार्टी संसदीय परंपरा लोकतंत्र और नैतिकता को भूल गयी तो तुझे क्या याद रखेगी । तू भी क्या याद रखेगा ले सुन मेरी शायरी
यहां अब नही रहे लाल बहादुर और आज़ाद ।
तेरी पार्टी हो चुकी है बरबाद ।।
प्रवक्ता हैं महान अकड़ू नीश तिवारी ।
तेरी पार्टी जल्दी ही हॊगी भगवान कॊ प्यारी ।।
आज संसदीय समिती की बैठक मे मारपीट हो चुकी है ।
और तेरी पार्टी अपनी शर्मो हया खो चुकी है ॥
तू आज की डेट मे इतिहास का है पन्ना ।
तेरा दल हर घोटाले से है चौकन्ना ।।
और सुन मेरे प्यारे भाई ।
भूल गयी है तुझे खांग्रेस आई ॥
तेरी अकड़मती मम्मी के पाप का घड़ा भर रहा है बेटा ।
बाहर आया तो किसी और केस मे जायेगा लपेटा ॥
और सुन ले बेटा खलमाड़ी खोल के अपने कान ।
हर हफ़्ते तेरी पार्टी के नेता अंदर आना तय मान ॥
हो जा चौकन्ना और खबरदार ।
बन जा सीबीआई हवालात का नंबरदार ॥
करोड़ों न सही दाल रोटी तो चलती रहेगी ।
और घूस खाने की तेरी इच्छा भी पलती रहेगी ॥
इतनी शायरी सुना हवलदार मुड़ा और साथी से बोला यार ये सीबीआई की पोस्टिंग ठीक है जी भर के कैसी भी घटिया तुकबंदी सुनाओ शायरी सुनाओ ये बेचारे हवालती कही भाग भी नही पाते।
सहप्रजातियो की गारंटी ने हवलदार को संतुष्ट किया बोला क्या लिखना है बता खलमाड़ी ने कहा मम्मी जी इतना सुनते ही हवलदार छिटक गया भाई मै पूना तो किसी कीमत मे नही जाउंगा ।खलमाड़ी बोले अरे भाई अपनी मां को कौन खांग्रेसी मम्मी बोलता है मै तो आदरणीय मम्मी जी को पत्र लिखवा रहा हूं । हवलदार ने कहा आगे बोल खलमाड़ी ने शुरू किया आदरणीय मम्मी आपको मेरे बारे मे दुशमनो ने भड़काया है हवलदार फ़िर रूक गया बोला विदेशियो की साठ गांठ मे मै शामिल नही हो सकता । खलमाड़ी ने कहा अरे भाई देश के अंदर भी दुश्मन हैं राजनीतिक यार तू अपना काम कर पूरा होगा तब दिमाग लगाना ।
खलमाड़ी चालू हुये मम्मी जी मैने कुछ भी गलत नही किया है हवलदार फ़िर खड़ा हो गया बोला साले देश की इज्जत बेच खाया सब जगह फ़जीहत हो गयी बोलता है चीन मे चूहे थे तो यहां भी होंगे । खलमाड़ी बोला यार तू हवलदार है की पत्रकार सबका जवाब तू ही देगा तो पैसे क्या फ़ोकट के लेगा । खलमाड़ी फ़िर से बोले मम्मी मैने तो पार्टीधर्म का पालन किया है सारे निर्णयो मे सबको साथ लिया है और पार्टी को दिया भी है । कौन कह सकता था कि मै चोर हूं अगर आपकी महिला नेत्री ज्यादा खाने के चक्कर मे देर न करती और अकेले न खाती तो क्या ये मामला बनता । मै तो कुछ सौ करोड़ का आपका सहकर्मी हूं मोहतरमा तो हजारो करोड़ की रंगकर्मी हैं । उसी के लालच के कारण ही देरी हुई और सार भेद खुल गया ।
हवलदार बोला अबे सुन तेरी पार्टी बेशर्मी की हद लांघ चुकी है और तू पुराना इतिहास बता रहा है । जब तेरी पार्टी संसदीय परंपरा लोकतंत्र और नैतिकता को भूल गयी तो तुझे क्या याद रखेगी । तू भी क्या याद रखेगा ले सुन मेरी शायरी
यहां अब नही रहे लाल बहादुर और आज़ाद ।
तेरी पार्टी हो चुकी है बरबाद ।।
प्रवक्ता हैं महान अकड़ू नीश तिवारी ।
तेरी पार्टी जल्दी ही हॊगी भगवान कॊ प्यारी ।।
आज संसदीय समिती की बैठक मे मारपीट हो चुकी है ।
और तेरी पार्टी अपनी शर्मो हया खो चुकी है ॥
तू आज की डेट मे इतिहास का है पन्ना ।
तेरा दल हर घोटाले से है चौकन्ना ।।
और सुन मेरे प्यारे भाई ।
भूल गयी है तुझे खांग्रेस आई ॥
तेरी अकड़मती मम्मी के पाप का घड़ा भर रहा है बेटा ।
बाहर आया तो किसी और केस मे जायेगा लपेटा ॥
और सुन ले बेटा खलमाड़ी खोल के अपने कान ।
हर हफ़्ते तेरी पार्टी के नेता अंदर आना तय मान ॥
हो जा चौकन्ना और खबरदार ।
बन जा सीबीआई हवालात का नंबरदार ॥
करोड़ों न सही दाल रोटी तो चलती रहेगी ।
और घूस खाने की तेरी इच्छा भी पलती रहेगी ॥
इतनी शायरी सुना हवलदार मुड़ा और साथी से बोला यार ये सीबीआई की पोस्टिंग ठीक है जी भर के कैसी भी घटिया तुकबंदी सुनाओ शायरी सुनाओ ये बेचारे हवालती कही भाग भी नही पाते।
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