Tuesday, May 3, 2011

अष्टावक्र: नुक्कड़ चर्चा - अन्ना के तीन यार सिब्बल , मोदी और प...

अष्टावक्र: नुक्कड़ चर्चा - अन्ना के तीन यार सिब्बल , मोदी और प...: " अन्ना के अनशन के बाद का ये नया भारत कैसा है और इसमे कपिल सिब्ब्ल से लेकर जाति वर्ग धर्म विपक्ष के नाम से कैसे कैसे लोगो के समीकरण क्..."

अन्ना के अनशन के बाद का ये नया भारत कैसा है और इसमे कपिल सिब्ब्ल से लेकर जाति वर्ग धर्म विपक्ष के नाम से कैसे कैसे लोगो के समीकरण क्या बोलते हैं । और अन्ना को क्या जरूरत मोदी की तारीफ़ करने की । इसी उपापोह के बीच मै नुक्कड़ पहुंचा भाई सोहन शर्मा कह रहे थे अन्ना नेताओं के मुंह पर तमाचा है कि मेरे मुंह से निकल गया शर्मा जी आप भी तो ब्लाक कांग्रेस के सचिव हैं इतना सुनते ही हंगामा मच गया हसीं ठिठोली के बीच गुस्साये शर्मा जी कुछ बोलते उससे पहले किसी और ने पूछ लिया ये सिब्बल ऐसा क्यों बोले कि लोकपाल बिल से कुछ नही मिलेगा पानी स्वास्थ शिक्षा आदी लोकपाल बिलसे नहीं मिल सकता ।

खार खाये शर्मा जी ने कहा बताओ दवे जी मैने कहा ये बिल मिलने के लिये तो बना ही नही है ये तो बना ही न मिलने के लिये है अरे भाई मिलने के लिये बने बिलों के दिन लद गये अब किसी नेता को किसी बिल से लाइसेंस से खरीदी से एक रूपया भी नही मिलना चाहिये और पानी स्वास्थ्य शिक्षा इसके लिये जनप्रतिनिधी को बोलना पड़े ये तो महा शर्म की बात है । इसका मतलब एक ही है जो समर्थन करता है उसको ही यह सब सुविधायें मिलेंगी लोकतंत्र तो वो है कि किसी शर्माजी से मिलने की जरूरत न हो । मैने कहा शर्मा जी कांग्रेसी लोग शरद पवार को अच्छा क्यों मानते हैं । चुनाव जीतने पर पवार बेदाग हैं तो मोदी क्यों इतनी बार चुने जाने पर भी दागी हैं पवार तो फ़िर भी बैसाखी के साथ जूनियर पार्टनर हैं मोदी तो साफ़ विजेता हैं अगर शरद पवार सच्चे हैं तो मोदी तो अल्लाह की गाय है भाई भारी जन समर्थन है । उसने खाली राजधर्म नही निभाया बाकी तो सब धर्म निभा ही रहा है ईमानदार है और देश मे सबसे अच्छा काम कर रहा है । मैने कहा शर्मा जी ये सिब्बल , मोदी और पवार ही तो वो तीन यार हैं जिसके कारण अन्ना अनशन के बाद भी छाये हुये हैं और छाये रहना चाहिये भी वरना ये देश फ़िर सो जायेगा

अब तक शर्मा जी कपिल सिब्बल बन चुके थे बोले हें हें हें हें दवे जी आप मेरी बात का गलत मतलब निकाल रहे हैं मेरी पार्टी तो इस बिल को जल्दी से जल्दी लाना चाहती है । मैं मुस्कुराया और बोलने वाला ही था कि आसिफ़ भाई बोले यार दवे इतना सब जान कर भी मोदी की तारीफ़ कर रहा है । मैं बोला आसिफ़ भाई इस देश मे दो ही गुनाह है पवार की बुराई करना और मोदी की तारीफ़ करना । मुझे इतना मालूम है कि अन्ना हजारे सच बोलते हैं और नेता झूठ बोलते हैं । और ये बात भी सच है कि इस आंदोलन की नौबत आना ही पूरे लोकतंत्र पर तमाचा है इस तमाचे को खाकर अगर ये लोकतंत्र सुधर जाये तो ठीक है वरना पूरा देश पवारो और मोदियों के कब्जे मे आ जायेगा । एक बिना किसी धार्मिक भेदभाव के पैसा खाता है उसके लिये हसन अली और ललित मोदी एक बराबर है पैसा आना चाहिये बस दूसरा एक बार धर्म की पिच पर फ़िसल चुका है पर पैसा नही खाता दिक्कत उससे यही है कि उसके दूसरी बार नहीं फ़िसलने की कोई गांरटी नही है


शर्मा जी बोल पड़े और ये दलित वर्ग चिल्ला रहा है कि आरक्षण विरोधी केजरीवाल चोर है उसका क्या । मैने कहा भाई जो शामिल होने से रह गया उसको लग रहा है कि जब इस आंदोलन के नाम पर स्वाधीनता आंदोलन के जैसे पेंशन मिलेगी तो वो खाली हाथ रह जायेगा । अरे क्या कॊई अन्ना की जात पूछ कर गया था क्या जिसमे जर थी देश के लिये कुछ करने का हौसला था वो गया और जो घर बैठे थे उनको कुछ बोलने का हक नहीं है आडवानी से लेकर पासवान तक देश मे इतनी समस्याएं हैं इतने घोटाले हुये क्यों नही खुद आमरण अनशन पर बैठ गये । जान की बाजी लगा नही सकते और अब ढोल पीट रहे हैं दलितो आदिवासियो पर इतना अत्याचार हो रहा है तो क्यों नही गांधीगिरी करते । माना कि केजरीवाल आरक्षण विरोधी सोच रखता होगा पर भ्रष्टाचार वाले मसले पर उसकी सोच कहां आड़े आती है हां जिस दिन वो चुनाव लड़ेगा तो आवाज उठाना अभी मसला देश मे भ्रष्टाचार को जड़ से गायब करने का है और उसके लिये हम गधे को भी बाप बना सकते हैं। शर्मा जी बोल उठे मूर्ख हैं साले मैने मुस्कुरा कर कहा अरे भाई सभी थोड़ी शर्मा जी बन सकते हैं । बस क्या था गिला शिकवा दूर हो गया और मै चैन से यूरिया वाली चाय पीने मे व्यस्त हो गया ।

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